घरेलू विवादों के चलते 2015 में असम में अपना घर छोड़ने वाली 42 वर्षीय एक महिला को महाराष्ट्र में दो सामाजिक संगठनों की मदद से उसके परिवार से मिलाया गया। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने 19 जनवरी को भंडारा में एक पेट्रोल पंप के पास महिला को देखा था और पुलिस को इसकी जानकारी दी थी।

महिलाओं की मदद करने वाले संगठन ‘सखी’ के प्रशासक मनीष मोहुरले ने मंगलवार को बताया कि महिला को आश्रय स्थल ले जाया गया। उसने वहां परामर्शदाताओं को बताया कि वह असम में गुवाहाटी के पास एक स्थान की निवासी है। पति के दूसरी महिला से शादी करने के कारण उसने घर छोड़ दिया था।

मोहुरले ने बताया कि महिला ने इस बात की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी कि पिछले छह साल से वह कहां थी, लेकिन कुछ समय नागपुर रेलवे स्टेशन पर बिताने और वहां से भंडारा आने की बात कही। उन्होंने बताया कि इसके बाद स्थानीय संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के प्रतिनिधियों ने यहां ‘सखी’ केन्द्र और गुवाहाटी में उसकी शाखा से भी सम्पर्क किया।

इसके बाद किसी तरह असम में महिला के परिवार का पता लगाया गया और उसके परिवार के साथ वीडियो कॉल पर उनकी बात भी कराई गई। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद 19 फरवरी को महिला का भाई भंडारा आया और उन्हें उसके साथ भेज दिया गया।