गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने बुधवार को कहा कि राज्य विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने के लिए निकट भविष्य में लगभग 11,000 करोड़ रुपये कर्ज लेगा, जबकि 2021-22 के दौरान सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।

राज्य के बढ़ते कर्ज पर विधानसभा में चर्चा का जवाब देते हुए सरमा ने कहा कि असम की उधारी सीमा के भीतर है और ऋण-से-जीडीपी अनुपात 22 प्रतिशत है, जो देश में सबसे कम है।

कांग्रेस, एआईयूडीएफ, माकपा और रायजर दल (Congress, AIUDF, CPI(M) and Raisar Dal) की आलोचना के बावजूद उन्होंने कहा कि राज्य पूंजीगत व्यय परियोजनाओं को लागू करने के लिए निकट भविष्य में और कर्ज जुटाने पर विचार कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने अपनी नदियों पर 1,900 पुलों के निर्माण के लिए 5,000 करोड़ रुपये का ऋण जुटाने के लिए पहले ही बातचीत की है। राज्य के प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक जोड़ने के लिए, हम और 3,000 करोड़ रुपये उधार लेंगे।”

उन्होंने कहा, “जहां मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, वहां जिला अस्पतालों के निर्माण और उन्नयन के लिए, हम 2,500 करोड़ रुपये का कर्ज लेंगे। शिवसागर से चराइदेव तक सड़क बनाने के लिए, हम 250 करोड़ रुपये उधार लेंगे। हम चार तटबंधों के वास्ते ऋण लेने के लिए एडीबी से भी बात कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि 2021-22 के दौरान कुल उधारी 16,000 करोड़ रुपये की विधानसभा मंजूरी के मुकाबले 14,000 करोड़ रुपये होगी और इस वित्त वर्ष में अब तक 7,500 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य इस साल 2,500 करोड़ रुपये चुकाएगा भी।

सरमा ने कहा, “अगले साल, हम 18,000 करोड़ रुपये और उसके अगले साल 22,000 करोड़ रुपये उधार लेने की योजना बना रहे हैं। पिछले साल तक, ऋण-से-जीडीपी अनुपात 19 प्रतिशत था और यह चालू वित्त वर्ष में लगभग 22 प्रतिशत होगा। यह देश में सबसे कम है। हम इस साल जीएसडीपी के 4,15,000 करोड़ रुपये को छूने की उम्मीद कर रहे हैं।”

सरमा ने दावा किया कि विपक्ष शासित राज्यों में ऋण-से-जीडीपी अनुपात “बहुत अधिक” है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में यह अनुपात 33 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 35 फीसदी और पंजाब में 52.5 फीसदी है।