असम में दो साल पहले जो बाढ़ आई थी उसमें बचाए गए गैंडे के तीन बच्चों के भविष्य पर फैसला हो गया है। इन तीनों गैंडे के बच्चों को मानस टाइगर रिजर्व, असम में रखा जाएगा। इन तीनों को शनिवार को वहां पहुंचाया जाएगा। दो साल पहले काजीरंगा नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में बाढ़ आई थी, इसमें से इन गैंडों के बच्चों को बचाया गया था। गैंडो के इन बच्चों में दो मादा और एक नर है। 

इनको पिछले दो सालों से वन्यजीव पुनर्वास और संरक्षण केंद्र (CWRC) में रखा गया था। यह काजीरंगा नैशनल पार्क के पास ही स्थित है। अब इन्हें मानस टाइगर रिजर्व लेकर जाया जाएगा। यह उनके मौजूदा घर से करीब 300 किलोमीटर दूर है। गैंडों का यह अनुवादन (ट्रांसलोकेशन) इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रशासन मानस टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों को बढ़ा रहा है। 20 साल पहले तक यह रिजर्व काफी हद तक तबाही की कगार पर पहुंच गया था। क्योंकि वहां विद्रोही गतिविधियां और बड़े पैमाने पर अवैध शिकार हो रहा था।

दोनों मादा गैंडों को जंगल विभाग और वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) ने बचाया था। इनको हातिमुरा (बिश्वनाथ- उत्तर किनारा) और कुथुरी क्षेत्र से बचाया गया था। वहीं नर गैंडे को सोलमारा से बचाया गया था। असम में ये बाढ़ जुलाई-अगस्त 2019 के बीच आई थी। अब इनको मानस टाइगर रिजर्व में भेजने से पहले इनका पूरा चेकअप आदि किया गया है। शनिवार तक तीनों गैंडे मानस टाइगर रिजर्व पहुंच जाने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक, 2006 से अबतक 19 राइनो को मानस टाइगर रिजर्व में भेजा जा चुका है। इस रिजर्व में राइनो की मौजूदा संख्या 44 बताई जाती है।