नई दिल्ली। 12 जनवरी से लापता प्रांजल मोरन का क्षत-विक्षत शव कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा संचालित एक कोयला क्षेत्र की एक सुरंग में बरामद किया गया है। वो जनवरी में तिनसुकिया में उसी जिले के लेडो में एक अवैध कोलियरी में काम करने के लिए घर से निकला था।

यह मामला तब सुर्खियों में आया जब मोरन की पत्नी उर्वशी ने पिछले हफ्ते असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह से मुलाकात की और बाद में पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) जीतमोल डोले द्वारा जांच का आदेश दिया। शव का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ और एसडीआरएफ) और सीआईएल द्वारा प्रदान किए गए उपकरणों की मदद से नए प्रयास किए गए।

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तिनसुकिया के पुलिस प्रमुख गौरव अभिजीत दिलीप ने कहा कि मोरन असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा पर एक अवैध खदान में काम कर रहा था और कथित तौर पर एक दुर्घटना के बाद उसकी मौत हो गई। इसके बाद खदान के संचालकों और उसके साथियों ने शव को पास की खदान की सुरंग में दबा दिया और मोरन के लापता होने की सूचना उसके परिवार को दी.

पुलिस ने कहा कि एक लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज की गई थी, लेकिन क्षेत्र के स्थान के पहाड़ के करीब होने और मौसम की खराब स्थिति के कारण तलाशी अभियान में कोई प्रगति नहीं हुई थी। मोरन के लापता होने के मामले में खदान संचालकों समेत 18 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।

दिलीप ने कहा कि गुरुवार को मोरन के शव को छिपाने वाले दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनके खुलासे के बाद शुक्रवार सुबह शव बरामद किया गया। वह सड़ी-गली अवस्था में था और कपड़े व जूतों के आधार पर शिनाख्त की गई। उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर हमने शरीर की पहचान की पुष्टि के लिए डीएनए के नमूने लिए हैं। शुक्रवार शाम को इसे परिजनों को सौंप दिया जाएगा।

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दिलीप ने कहा कि शव की बरामदगी और ताजा गिरफ्तारियों से मामले की जांच पूरी करने में मदद मिलेगी और जल्द ही चार्जशीट पेश की जाएगी। पुलिस हत्या के कोण, आपराधिक साजिश और इलाके में चल रहे अवैध कोयला खनन रैकेट की जांच कर रही है।

मोरान की पत्नी उर्वशी ने कहा कि मेरे पति के अवशेष का पता लगाने के लिए मैं पुलिस की शुक्रगुजार हूं। लेकिन उनकी हत्या करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मेरी मांग बनी हुई है।