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असम में अंतिम चरण के मतदान के लिए कांग्रेस अधिकतम सीटों पर जीत हासिल करने की पुरजोर कोशिश कर रही है। असम चुनाव का तीसरा चरण 6 अप्रैल को 12 जिलों और 40 निर्वाचन क्षेत्रों में होगा।
कांग्रेस अंतिम चरण में सभी 40 सीटों तक पहुंचना चाहती है और राहुल गांधी और अन्य नेताओं की कम से कम दस रैलियां चाहती है। 4 अप्रैल को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन राहुल गांधी मोर्चा संभाल सकते हैं। प्रचार अभियान में शामिल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पार्टी को दो चरणों में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। पार्टी के लिए प्रचार कर रहे कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, भाजपा ने राज्य का विशेष दर्जा छीन लिया है। केंद्र-राज्य की साझा योजनाओं का अनुपात यूपीए के 90:10 से घटकर अब 60:40 हो गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इतनी हताश है कि वह चुनावों के दौरान भी दलबदल की इंजीनियरिंग कर रही है। भाजपा ने कहा है कि उन्होंने ऊपरी असम में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की है, गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि भाजपा को 37 सीटें मिलेंगी। तीसरे चरण में भाजपा कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है, क्योंकि तीसरे चरण की अधिकांश सीटों पर भाजपा के सहयोगी दल चुनाव लड़ रहे हैं। विपक्षी कांग्रेस और एआईयूडीएफ को दूसरे और तीसरे चरण के चुनावों में अधिकतम सीटें जीतने का भरोसा है।दूसरे चरण कें अंतर्गत गुरुवार को 39 सीटों पर 77.21 प्रतिशत मतदान हुआ।
पिछले विधानसभा चुनाव 2016 में, कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, कांग्रेस को 30.9 फीसदी वोट मिले थे, जबकि एआईयूडीएफ को 13 फीसदी वोट मिले थे। दूसरी ओर, भाजपा के पास 29.5 प्रतिशत और उसके सहयोगी दल एजीपी और बीपीएफ को क्रमश: 8.1 और 3.9 प्रतिशत वोट मिले।
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