सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगियों - एजीपी, यूपीपीएल और जीएसपी के बीच असम विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की व्यवस्था को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में अंतिम रूप दिया जाएगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता व मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को इस आशय की जानकारी दी।

पिछले साल दिसंबर में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के चुनावों के बाद भाजपा ने अपने पुराने सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) को दरकिनार कर एजीपी, युनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) के साथ गठबंधन किया था। भाजपा समर्थित क्षेत्रीय निकाय नॉर्थईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के संयोजक सरमा ने कहा कि सीट-बंटवारे के बारे में प्रमुख मुद्दों पर एजीपी, यूपीपीएल और जीएसपी के साथ सहमति हुई है और शेष मुद्दों पर दिल्ली की बैठक में चर्चा की जाएगी।

सरमा के अलावा, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और पार्टी के अन्य नेता बुधवार और गुरुवार को होने वाली बैठकों में भाग लेंगे। भाजपा ने असम गण परिषद (एजीपी) और बीपीएफ के साथ गठबंधन में 2016 में पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था और 60 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर सत्ता में आई थी। जबकि, उसके सहयोगी दल एजीपी और बीपीएफ ने क्रमश: 14 और 12 सीटें जीती थीं। सत्तारूढ़ गठबंधन को एक निर्दलीय विधायक का समर्थन प्राप्त है। 

भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने पिछले विधानसभा चुनावों (2016) में डेढ़ दशक (2001-2016) से सत्ता पर काबिज कांग्रेस को परास्त किया था। कांग्रेस का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई कर रहे थे, जिनका पिछले साल निधन हो गया। सत्तारूढ़ भाजपा और उसके नए सहयोगी यूपीपीएल और जीएसपी ने पिछले वर्ष दिसंबर में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 40 सदस्यीय बीटीसी के चुनावों के बाद सत्ता में आए थे। रविवार को सत्तारूढ़ भाजपा के साथ संबंध तोडऩे के एक दिन बाद बीपीएफ कांग्रेस के नेतृत्व वाले सात पार्टी के महागठबंधन में शामिल हो गया।