गुवाहाटी।

असम सरकार (assam government) ने कोविड-19 (Covid-19) की स्थिति में हुए सुधार के मद्देनजर शुक्रवार को महिला कर्मचारियों को कार्यालय जाने से दी गई छूट वापस ले ली। यह रियायत उन महिलाओं को दी गई थी जो गर्भवती हैं या फिर जिनके बच्चे तीन साल से कम उम्र के हैं। सरकार ने रियायत वापस लेने के संबंध में आदेश जारी किया है।

राज्य में कोविड-19 टीकाकरण के तहत पात्र आबादी के 95 प्रतिशत (95 percent vaccination in assam) लोगों को पहले ही पहली खुराक लगाई जा चुकी है। इसी वजह से सरकार ने सभी कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य करने के लिए यह आदेश पारित किया है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष के रूप में मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ के हस्ताक्षर वाले इस आदेश में कहा गया है कि गर्भवती महिला कर्मचारियों और 3 साल या उससे कम उम्र के बच्चों वाली महिला कर्मचारियों जो किसी भी सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/वित्तीय संस्थानों/निजी संगठनों के तहत कार्यरत हैं; के लिए दी गई रियायत को वापस ले लिया गया है।

इसमें आगे कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी, चाहे वह संविदा पर हों या स्थायी, केवल अधिकृत अवकाश पर रहने वालों को छोड़कर अन्य सभी को कार्यालय में उपस्थित होना होगा। आदेश में कहा गया है कि यह निर्णय राज्य में समग्र परिदृश्य में हुए काफी सुधार के मद्देनजर लिया गया है। प्रदेश में करीब 31 फीसदी पात्र आबादी को वैक्सीन की दोनों खुराक लगाई जा चुकी हैं।

सरकार ने 20 अप्रैल 2021 को पांच साल से कम उम्र के बच्चों वाली महिलाओं और गर्भवतियों को घर से काम करने की रियायत दी थी। हालांकि इस रियायत को 17 अगस्त को संशोधित कर बच्चों की उम्र का मानक घटाकर तीन साल कर दिया गया था। परंतु अब इस रियायत को पूरी तरह से वापस ले लिया गया है।