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पूर्वी राज्य असम बाढ़ की चपेट में है। अब तक 107 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें बाढ़ से 90 और भूस्खलन में 17 लोगों ने अपनी जान गंवाई। वहीं 54.50 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, पिछले 24 घंटों में सात लोगों की जान चली गई।
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पिछले एक सप्ताह में बाढ़ से भारी जान-माल का नुकसान हुआ है और लाखों लोगों का विस्थापन हुआ है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है। पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण असम के कुछ हिस्सों में बाढ़ आ गई है। केंद्र सरकार असम में स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है और इस चुनौती से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। मोदी ने आगे कहा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेना और एनडीआरएफ की टीमें मौजूद हैं। वे निकासी अभियान चला रहे हैं और प्रभावित लोगों की सहायता कर रहे हैं। वायु सेना ने निकासी प्रक्रिया के तहत 250 से अधिक उड़ानें भरी हैं।
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इस बीच तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने असम में बाढ़ राहत कार्यों में सहायता के लिए 10 लाख रुपये का दान दिया है और आपदा के कारण लोगों को हुई कठिनाई पर दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि वह इस बात की सराहना करते हैं कि संबंधित एजेंसियां प्रभावित लोगों को बचाने और उन्हें राहत प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। पत्र में कहा गया है, असम के लोगों के साथ अपनी एकजुटता के प्रतीक के रूप में, मैं इन एजेंसियों का समर्थन करने के लिए दलाई लामा के गादेन फोडरंग ट्रस्ट से 10,00,000 रुपये दान कर रहा हूं। एनडीआरएफ ने गुरुवार को कहा कि असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक करीब 17,500 लोगों को बचाया जा चुका है। इनमें से 900 को गुरुवार को बचा लिया गया। अधिकारी ने कहा कि राज्य के 14 बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की कुल 26 टीमें काम कर रही हैं।
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