असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि '' हिंदू और मुसलमानों के बीच कटुता के लिए वामपंथी (lefts) और उदारवादी जिम्मेदार हैं ''। असम के गुवाहाटी में वीर सावरकर पर एक पुस्तक के विमोचन के दौरान बोलते हुए, सरमा ने कहा कि वोट बैंक (vote bank) के लिए दो धर्मों के बीच 'कड़वाहट' को कथित रूप से 'बढ़ाने' के लिए कांग्रेस (Congress) की भी आलोचना की।

उन्होंने कहा कि "वामपंथी (Left) और उदारवादी हिंदू-मुसलमान के बीच कड़वाहट के लिए जिम्मेदार हैं। कांग्रेस ने इसे वोट बैंक के लिए बढ़ाया। आजादी के बाद, वाम-उदारवादियों ने भारत के अकादमिक पाठ्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया जो विद्रोह पैदा करता है और हमें लड़ने के लिए प्रेरित करता है। वे लोगों के मन से देश के सम्मान को नष्ट करने के तरीके तलाश करते हैं '' ।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa) ने यह भी कहा कि " तलाश करते हैं धर्म का पालन करना स्वयं को जानने के लिए एक शैक्षणिक गतिविधि है और इससे देश में लोगों के बीच रक्तपात नहीं होना चाहिए। यह कट्टरता वामपंथी और उदारवादी लोगों द्वारा लाई गई और फिर कांग्रेस ने इसे वोट बैंक के लिए आगे बढ़ाया "।



माइक्रो-ब्लॉगिंग (micro-blogging) साइट ट्विटर पर, वीर सावरकर पर पुस्तक के लेखक उदय माहूरकर ने कहा कि ''असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa) जी को गुवाहाटी में वीर सावरकर पर हमारी पुस्तक पर चर्चा करने और इसकी प्रासंगिकता के बारे में भाषण देने के लिए धन्यवाद। सावरकर और लोग। कैसे वामपंथियों ने हमारे इतिहास को विकृत किया और अपने विभाजनकारी उद्देश्यों के लिए लोगों के बीच असंतोष के बीज बोए।'