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असम को राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य को जोरदार झटका दिया गया, राज्य को अशांत क्षेत्र ’घोषित कर दिया गया है। असम को सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम, 1958' के तहत एक 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया है। असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने 27 फरवरी को छह महीने के लिए पूरे राज्य को 'अशांत क्षेत्र' घोषित करेंगे। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल जोरोशोरों से प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं।
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की धारा 3 के तहत प्रदत्त अधिकारों के अनुसार, असम के राज्यपाल ने 27 फरवरी, 2021 से छह महीने पहले तक असम के पूरे राज्य को 'अशांत क्षेत्र' घोषित करने का ऐलान किया है। पिछले साल अगस्त में असम सरकार ने 28 अगस्त से 6 महीनों के लिए 'डिस्टर्बड एरिया' घोषित किया था। जानकारी के लिए बता दें कि अशांत क्षेत्र ’की स्थिति के विस्तार के लिए सरकार द्वारा कोई कारण नहीं बताया गया है।
विधानसभा मार्च अप्रैल तक होने की संभावना बताई जा रही है। कांग्रेस और भाजपा दोनों राज्य की प्रमुख पार्टियां असमिया को लुभाने में लगी हुई है। बीजेपी ने 30 दिनों में 3000 करोड़ की परियोजनाओं का उद्धाटन किया है। कांग्रेस एंटी सीएए का अभियान चला रही है और केंद्र द्वारा बढ़ाए गए सिंलेडरो और घरेलू वस्तुओं की कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन करने लगी है।
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