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'ऑल असम प्राइमरी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) क्वालिफाइड टीचर्स एसोसिएशन' ने नियमित शिक्षकों के साथ समान दर्जा देने की मांग की है। संगठन ने आगे दिसंबर के भीतर लंबित महंगाई भत्ता (DA) जारी करने की मांग की है।
संगठन के अध्यक्ष त्रालोक्यो डेका (Traloikyo Deka) ने कहा कि “राज्य भर में 40,000 प्राथमिक स्कूल TET योग्य शिक्षक हैं। लेकिन, हमारी सेवाओं को नियमित नहीं किया गया है। हालांकि, 1 जुलाई, 2019 को, कैबिनेट के एक फैसले में कहा गया था कि हमें नियमित शिक्षकों का दर्जा प्रदान किया जाएगा। कैबिनेट के फैसले के अनुसार, हमें तत्कालीन नियमित शिक्षकों द्वारा प्राप्त सभी निर्णय प्रदान किए जाएंगे। लेकिन, सरकार ने ऐसा नहीं किया है। फिर भी उस निर्णय को लागू किया।"
डेका (Traloikyo Deka) ने आरोप लगाया कि "जहां नियमित शिक्षक 31% DA का आनंद ले रहे हैं, हमें केवल 12% DA मिल रहा है। दूसरी ओर, जुलाई 2019 से, सरकार ने हमारे DA को तीन बार बढ़ाया - 5%, 11% और 3% - कुल 19%। हालांकि, हमें वेतन वृद्धि DA नहीं मिला है। इसलिए, हम राज्य सरकार से बढ़ा हुआ DA जारी करने का आग्रह करते हैं।"
डेका ने बताया कि "हमने पहले ही शिक्षा मंत्री (Education Minister) और विभाग के उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा की है। लेकिन, कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं हुई। इसलिए, हम इस मामले में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) के हस्तक्षेप की मांग करते हैं।
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