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असम में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक हेमंत बिस्व सरमा समेत 56 फीसद विधायक करोड़पति हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और असम इलेक्शन वाच (एईडब्ल्यू) ने राज्य के 126 मौजूदा विधायकों में से 119 की संपत्ति का विश्लेषण किया है, जिसमें 67 विधायक करोड़पति पाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, असम गण परिषद (अगप) के विधायक नरेन सोनोवाल सबसे अमीर विधायक हैं। उनकी कुल चल-अचल संपत्ति करीब 34 करोड़ रुपये की है। जबकि एआइयूडीएफ विधायक सहाब उद्दीन अहमद सबसे गरीब विधायक हैं। उनके पास महज 1.82 लाख रुपये की संपत्ति है।
अन्य अमीर विधायकों में भाजपा के नारायण डेका (17.23 करोड़ रुपये) तथा एआइयूडीएफ के अब्दुर रहीम अजमल (13.11 करोड़ रुपये) शामिल हैं। वहीं गरीब विधायकों में एआइयूडीएफ के मामून इम्दादुल हक चौधरी (6.35 लाख) और भाजपा के तेरास गोवाला (8.91 लाख) का नाम है। मुख्यमंत्री के पास कुल 1.85 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जबकि वरिष्ठ मंत्री सरमा की कुल चल-अचल संपत्ति 6.38 करोड़ रुपये की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास के पास 2.32 करोड़ रुपये की संपत्ति है और नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया 4.55 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं।
एडीआर-एईडब्ल्यू के विश्लेषण के मुताबिक भाजपा के 58 फीसद, कांग्रेस के 55 फीसद विधायकों के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। करोड़पति विधायकों में सर्वाधिक 77 फीसद असम गण परिषद के हैं। बीपीएफ के 58 फीसद और एआइयूडीएफ के 36 फीसद विधायक करोड़पति हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, विधायकों की औसत संपत्ति 2.47 करोड़ रुपये है। साल 2006 में मात्र 12 फीसद विधायक करोड़पति थे, जो 2011 में बढ़कर 37 फीसद हो गया।
यह विश्लेषण 2016 के चुनाव और उसके बाद उपचुनावों में उम्मीदवारों द्वारा दाखिल हलफनामे के आधार पर किया गया है। 126 सदस्यीय विधानसभा में इस समय छह सीटें खाली हैं। एडीआर-एईडब्ल्यू ने कहा है कि भाजपा के एक विधायक मानसिंग रोंगपी की संपत्ति का स्पष्ट विवरण चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं होने के कारण उसका विश्लेषण नहीं किया जा सका है।
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