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भारत देश में धर्म उत्पीड़ित लोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांगलादेश और चीन से भारत देश में शरण मांग रहे हैं। वैसे तो कई करोड़ों शरणार्थी देश मे निवास कर रहे हैं। कई सालों के बाद भारत सरकार ने फैसला लिया है कि नागरिकता (विधेयक) संशोधन (CAA) का लागू किया जाए। लेकिन भारतिय लोगों और पूर्वोत्तर के कई संगठनों द्वारा इस विधेयक का जमकर विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने फैसला सुनाया है कि जनवरी 2021 में धर्म उत्पीड़ित लोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांगलादेश और चीन से आए लोगों को भारत की नागरिकता दे दी जाएगी।
अब यह मामला अंतरराष्ट्रीय हो गया है। बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान और चीन को धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए विशेष चिंता के देशों के रूप में नामित किया गया है। यह अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ.पाकिस्तान और 8 अन्य देशों म्यांमार, इरिट्रिया, ईरान, नाइजीरिया, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के साथ चीन द्वारा कहा गया था। धार्मिक स्वतंत्रता संयुक्त राज्य के विदेश विभाग ने कोमोरोस, क्यूबा, निकारागुआ और रूस को एक विशेष निगरानी सूची (एसडब्ल्यूएल) पर रखा।
पोम्पेओ ने कहा कि बहुत बड़ी स्वतंत्रता एक अनुचित अधिकार है, और वह आधार है जिस पर मुक्त समाज निर्मित और फलते-फूलते हैं। आज संयुक्त राज्य अमेरिका धार्मिक उत्पीड़न से भागने वाले राष्ट्र के रूप में स्थापित किया गया है, हाल ही में कमीशन ऑन अनएनेबल राइट्स रिपोर्ट में कहा गया है कि एक बार फिर उन लोगों के बचाव के लिए कार्रवाई की गई है जो बस इस आवश्यक स्वतंत्रता का इस्तेमाल करना चाहते हैं। अमेरिका ने अल-शबाब, अल-कायदा, हौथिस, ISIS, ISIS-ग्रेटर सहारा, ISIS -पश्चिम अफ्रीका, जमात नस्र अल-इस्लाम वाल मुस्लिमिन और तालिबान को 'एंटिटीज' के रूप में नामित किया है।
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