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असम के उदलगुरी जिले में जबरन उगाही का एक आरोपी तब पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया, जब उसने हिरासत से कथित तौर पर भागने की कोशिश की। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को दी। उदलगुरी के पुलिस अधीक्षक हिरण्य बर्मन ने कहा कि जबरन वसूली के कई मामलों में कथित रूप से शामिल एक व्यक्ति को मंगलवार को कार्बी आंगलोंग जिले में असम-नागालैंड सीमा से गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने बताया, ‘उसे बाद में उदलगुरी लाया गया, जहां उस पर 2008 से कम से कम आठ मामले लंबित हैं। वह कई समूहों के लिए पैसे वसूलता था।’ बर्मन ने कहा, ‘कल रात, वह पनेरी पुलिस थाने के तहत एक क्षेत्र में छिपाये गए हथियारों के स्थल पर अतिरिक्त एसपी के नेतृत्व वाली एक टीम को ले जा रहा था। बीच में, उसने लघु शंका के लिए रुकने का अनुरोध किया।’ अधिकारी ने दावा किया कि उस दौरान, आरोपी भाग गया और पुलिस टीम ने उसे रुकने के लिए कहा।
एसपी ने कहा, ‘जब वह नहीं रुका, तो हमारी टीम को उस पर गोलियां चलानी पड़ीं। उसके पैर में दो गोलियां लगी हैं। अब उसका तेजपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज चल रहा है।’ राज्य में मई के बाद से पुलिस मुठभेड़ों में कम से कम 23 संदिग्ध उग्रवादी और अपराधी मारे गए हैं क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर हथियार छीनने या हिरासत से भागने का प्रयास किया।
असम के दीमा हसाओ जिले में सक्रिय उग्रवादी संगठन डिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) ने तीन महीने के लिए एकतरफा संघर्षविराम की घोषणा की है। एक दिन पहले हस्ताक्षरित किए गए विज्ञप्ति में कहा गया कि संगठन ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा ‘सद्भावना संकेत और शांति के आह्वान के सकारात्मक प्रतिक्रिया के रूप में’ एकतरफा संघर्षविराम का फैसला किया है। विज्ञप्ति की प्रति मीडिया को बुधवार को उपलब्ध कराई गई।
संगठन के प्रचार सचिव मुंगश्री रिंग्समाई दिमासा द्वारा हस्ताक्षरित विज्ञप्ति में कहा गया है कि संघर्षविराम मंगलवार से ही लागू हो गया है। संघर्षविराम ‘असम सरकार और भारत सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए माहौल बनाने’ की खातिर है।
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