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असम की राजधानी में 4 आतंकि संगठनों के 63 आतंकवादी औपचारिक रूप से गुवाहाटी में एक समारोह में हथियार डाल दिए हैं। यह पूर्वोत्तर के खतरनाक आतंकवादी संगठनों से हैं, जिसमें से 4 विद्रोही संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम - इंडिपेंडेंट (ULFA-I), पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी लौंगरी (PDCK), डिमसा नेशनल लिबरेशन आर्मी (DNLA) और यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (UPLF) के कैडर थे। इन्होंने अपने संगठनों के साथ नाता तोड़ दिया है।
हथियार रखने वाले समारोह गुवाहाटी में श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र सभागार में आयोजित किया गया है। सभी 63 आतंकवादी औपचारिक रूप से समारोह में अपने हथियार डाल दिए हैं और मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। यह कार्यक्रम दोपहर 3 बजे शुरू हुआ था। असम पुलिस ने एक बयान में कहा कि उल्फा-आई, पीडीसीके, डीएनएलए और यूपीआरएफ के सदस्यों द्वारा एक औपचारिक आत्मसमर्पण सह शस्त्र समारोह आयोजित किया गया जिसमें आतंकी संगठनों के कैडरों ने खुद से ही आत्मसमर्पण कर दिया है।
हथियारों के प्रदर्शन की अध्यक्षता असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया। इससे पहले जनवरी में, विभिन्न विद्रोही संगठनों से संबंधित कुल 644 आतंकवादियों ने गौहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) के सभागार में एक समारोह में अपने हथियार डाले थे। यह हथियार रखने का समारोह उल्फा-आई के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ द्रष्टि राजखोवा के आत्मसमर्पण के बहुत करीब आता है। द्रष्टि राजखोवा ने 11 नवंबर की देर रात मेघालय में एक अज्ञात स्थान पर सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
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