टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के कार्यकारी सदस्य रंजीत बासुमतरी ने कहा कि बोडो समझौते में 50% हिस्सा पहले ही बोडो समझौते में लागू हो चुका है। उन्होंने 3 बोडो समझौते के हस्ताक्षर के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर कोकराझार में आयोजित बैठक में भाग लेने के दौरान यह बात कही। केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह, असम की उपस्थिति में पिछले साल जनवरी में दिल्ली में त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।


मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ बोडोलैंड और ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABS) के सदस्य। पूर्व सचिव के रूप में एनडीएफबी (एस) गुट का नेतृत्व करने वाले बसुमतारी ने कहा, "पहले से ही बोडो क्षेत्र में शांति स्थापित हो चुकी है और तीसरे बोडो समझौते के 50 प्रतिशत से अधिक खंडों को लागू किया गया है। एकॉर्ड के 8.4 को निकट भविष्य में लागू और लागू किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि 8.4 बोडोलैंड आंदोलन के शहीदों को एनडीएफबी सदस्यों के गैर-जघन्य अपराधों की वापसी और पूर्व-मुआवजे के मुआवजे को जारी करने का प्रावधान है। बीटीसी कार्यकारी सदस्य ने यह भी कहा कि एकॉर्ड के माध्यम से बोडो बेल्ट में बहाल शांति स्थायी होगी और शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। बसुमतारी ने कहा कि बोडो लोगों ने हमेशा क्षेत्र में शांति, शांति और विकास के लिए लड़ाई लड़ी है।