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असम के गोलाघाट की एक अदालत ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत नाबालिग लड़कियों पर यौन हमले (sexually abusing) के चार अलग-अलग मामलों में पांच लोगों को जेल की खौफनाक सजा सुनाई है।
बता दें कि साल 2019 में नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने के आरोप में लखींद्र सारेंग और सुकरम मांझी को 20 साल जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इस बीच, सुकुरा करमाकर को चार साल की बच्ची का यौन शोषण करने के आरोप में उनके साथ 7 साल जेल की सजा सुनाई गई।
इसके अलावा दो अन्य अपराधियों अमीनुल सिकदर और अनिल बोरा को दो अलग-अलग घटनाओं में जेल की सजा सुनाई। अमीनुल को 13 साल की बच्ची का यौन शोषण करने का दोषी पाया गया था, जबकि अनिल को पांच साल के बच्चे के साथ मारपीट करने का दोषी पाया गया था।
यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोस्को) अधिनियम की धारा 376 एबी और आर/डब्ल्यू धारा 6 के तहत मामला दर्ज किए गए हैं। पुलिस (Police) ने कहा, "20 दिसंबर को लहरीघाट पुलिस स्टेशन में रजनी दैमारी के खिलाफ 6-7 साल की उम्र की तीन नाबालिग लड़कियों के साथ कथित तौर पर बलात्कार (Rape) करने का मामला दर्ज किया गया था। हमने उसे बुधवार को अमटोला इलाके से पकड़ा था।"
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