राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अनुशासन और मर्यादा संसदीय प्रणाली की पहचान है। राष्ट्रपति मुर्मू पूर्वोत्तर राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा, अनुशासन और मर्यादा संसदीय प्रणाली की पहचान है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बहस की गुणवत्ता उच्चतम स्तर की हो। साथ ही हमें विकास और जनकल्याण के मुद्दों पर आम सहमति बनाने की जरूरत है।

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उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारत की एक्ट-पूर्व नीति में एक प्रमुख हितधारक भी है। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र लंबे समय तक सड़क, रेल और हवाई संपर्क के अभाव में आर्थिक विकास के लाभों से वंचित रहा, लेकिन केंद्र की मौजूदा सरकार ने पूर्वोत्तर में सम्पर्क और विकास पर ध्यान केन्द्रित किया है। उन्होंने कहा कि आज यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि अरुणाचल प्रदेश में विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे समर्थन में स्पष्ट बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि अरुणाचल प्रदेश में 'विकास का सूरज' चमक रहा है और समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों और गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधनों के साथ, राज्य में एक आकर्षक निवेश गंतव्य और व्यापार और व्यवसाय का केंद्र बनने की पूरी क्षमता है।

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राष्ट्रपति ने 'डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम के तहत 'ई-विधान' , कागज रहित डिजिटल यात्रा को लागू करने के लिए अरुणाचल प्रदेश विधानसभा की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2022 को 'ई-गवर्नेंस का वर्ष' घोषित किया है और कई ई-गवर्नेंस परियोजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये परियोजनाएं न केवल प्रशासनिक सुधारों में मदद करेंगी बल्कि आम नागरिक के जीवन को आसान बनाने में भी योगदान देंगी। राष्ट्रपति ने कहा, हमारे देश के समग्र और समावेशी विकास के लिए हर कार्यक्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश विधानसभा सहित सभी राज्य विधानसभाओं के साथ-साथ लोगों के प्रतिनिधित्व वाले अन्य संस्थानों में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए। मुर्मू ने अपने दो दिवसीय दौरे में सोमवार को राज्य के 37वें स्थापना दिवस समारोह और अरुणाचल सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लिया।