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स्पेशल यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) के न्यायाधीश शुभ्रांशु धर ने एक नाबालिग, छह साल की बच्ची के साथ बलात्कार करने के आरोप में एक मोबिंचन मारक को 20 साल के कठोर कारावास (RI) के लिए फैसला सुनाया। गौरतलब है कि आरोपी मोबिंचन मराक (Mobinchan Marak) के खिलाफ नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का खतरनाक अपराध करने के आरोप में 6 जून 2019 को दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था।
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बलात्कार पीड़िता के वकील संजय सरमा ने सूत्रों को बताया कि विशेष POCSO न्यायाधीश शुभ्रांशु धर (Judge Shubhrangshu Dhar) ने मोबिंचन मारक को 6 जून, 2019 को किए गए अपराध के लिए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि आरोपी मोबिंचन के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था।
मराक पर 6 जून 2019 को छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का आरोप में गोलपारा की विशेष अदालत (special court) ने घोषणा की है कि बलात्कार के आरोपी मोबिंचन मराक को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 के तहत बलात्कार की सजा और पोक्सो की धारा 4 के तहत यौन उत्पीड़न, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत सजा सुनाई गई थी।
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अदालत ने अब बलात्कार के आरोपी को दो साल के अपराध के बाद कड़ी और पूरी तरह से कारावास की सजा दी है। इस साल की शुरुआत में, अरुणाचल प्रदेश के एक जिले में एक पोक्सो अदालत (POCSO Court) ने एक नाबालिग से बलात्कार के लिए एक व्यक्ति को 20 साल के कठोर कारावास और 3,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
विभिन्न अदालतों में POCSO अधिनियम बच्चों को यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के अपराधों से बचाने और देश भर में बलात्कार पीड़ितों को न्याय प्रदान करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
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