अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने विधानसभा में कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सीमावर्ती राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और अरुणाचल प्रदेश में लोगों के जीवन तथा देश की सीमा को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बलों की उपस्थिति सुनिश्चित कर रही है। खांडू ने कहा, जब से चीन ने अरुणाचल प्रदेश (अपने क्षेत्र के रूप में) का दावा करना शुरू किया, तब से भारत सरकार अरुणाचल प्रदेश में लोगों के जीवन और देश की सीमा की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रही है और इसके लिए सीमाओं पर सेना और सशस्त्र पुलिस के जवानों की पर्याप्त संख्या में तैनाती की जा रही है।

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उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद से संबंधित मामला एक केंद्रीय विषय है और विदेश मंत्रालय से संबंधित है। उन्होंने कहा, एक अरुणाचली होने के नाते हम सभी यहां की स्थितियों को जानते हैं और पड़ोसी देश अरुणाचल पर कैसे दावा कर रहा है। इस बारे में 'वास्तविकताएं' ' हमें पता हैं। हम (चीन के कब्जे वाले) तिब्बत के साथ सबसे लंबी सीमाओं में से एक को साझा करते हैं, जो लगभग 1,200 किलोमीटर की है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी आवाज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुखर होने लगी है। एक जमाना था कि चीन जो भी एजेंडा बनाता भारत सरकार उससे आगे झुक जाती थी, लेकिन केंद्र की मौजूदा समय की केंद्र सरकार नहीं झुकेगी।

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उन्होंने कहा, हमने कई घटनाएं देखी हैं। जिस तरह से भारतीय सशस्त्र बलों ने गलवान घाटी की घटना को संभाला और हाल ही में यांग्त्से में तवांग सेक्टर में हुई घटना वह सराहनीय है। औसत समुद्र तल से लगभग 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यांग्त्से, जो मेरे निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है, अब सड़क मार्ग से दो तरफ से पहुंचा जा सकता है। सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद। उन्होंने कहा कि अतीत के विपरीत अब अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बहुत सारे बुनियादी ढांचे विकसित किए गए हैं - चाहे वह कामेंग सेक्टर, सुबनसिरी सेक्टर या पूर्वी अरुणाचल के अंजॉ-किबिथू या दिबांग सेक्टर हो - जिससे रक्षा बलों की आरामदायक आवाजाही में सुविधाजनक हुई है।खांडू ने कहा कि पहले जब भारत सरकार के नेता चाहे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या रक्षा मंत्री अरुणाचल जाते थे, तो चीन आपत्ति करता था, लेकिन पिछले साल जब नौ नवंबर में मोदी आए और राज्य के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का उद्घाटन किया और हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ईटानगर का दौरा किया, तो चीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। उन्होंने कहा, इसका मतलब है कि हम धीरे-धीरे कूटनीतिक रूप से बहुत कुछ हासिल कर रहे हैं, विदेश मंत्रालय के माध्यम से विश्व स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अब पुराने भारत के स्थान पर नए भारत के रूप में उभर रहा है।