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अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डॉ बी डी मिश्रा (Governor Brig. (retd) Dr B D Mishra) ने गांव के बुरों (ग्राम प्रधानों) से भागीदारी, जिम्मेदारी और सहयोग की भावना के साथ राज्य की विकास प्रक्रिया में योगदान देने का आह्वान किया।
चांगलांग जिले के तीन दिवसीय दौरे पर आए राज्यपाल ने मियाओ उपमंडल के गांव बुराहों (Buraho) के साथ बातचीत करते हुए कहा कि विकास कार्यक्रमों, परियोजनाओं और योजनाओं के उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि "यह तभी हो सकता है जब लोग यह सुनिश्चित करें कि विकास प्रक्रिया में पारदर्शिता, जवाबदेही, ईमानदारी, मुस्तैदी, समान व्यवस्था, ऑडिट और बीच में सुधार हो।"
राज्यपाल (Governor) ने यह भी कहा कि जंगल, स्कूलों और सरकारी भूमि का अतिक्रमण पूरे राज्य में एक खतरा बन गया है, एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यहां बताया गया। उन्होंने कहा, "अतिक्रमण से कुछ लोगों को लाभ होता है लेकिन बाकी लोगों के लिए यह एक अभिशाप है। यह वनस्पतियों, जीवों और स्कूलों और कॉलेजों (colleges) पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है जहां भूमि हथियाने वालों द्वारा अतिक्रमण बहुत आम है "।
उन्होंने कहा और सभी के खिलाफ सामाजिक विरोध (social protest) का आह्वान किया। प्रकार के अतिक्रमण। नशे की लत को युवाओं की समस्या बताते हुए मिश्रा ने कहा कि समाज को बोलना चाहिए और बुराई के खिलाफ कार्रवाई करनी
उन्होंने चांगलांग तिरप और लोंगडिंग जिलों के लोगों से उग्रवाद के खिलाफ उठने और जबरन वसूली के खिलाफ एक सामाजिक (social protest) दबाव समूह के रूप में कार्य करने का भी आग्रह किया। इस अवसर पर राज्य के शहरी विकास मंत्री कमलुंग मोसांग और चांगलांग के डीसी डॉ देवांश यादव ने भी अपने विचार रखे।
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