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चीन अपने देश का दायरा बढ़ाता ही जा रहा है। अपनी सीमा के बाहर दूसरे देशों में भी जमावड़ा कर रहा है। हाल ही में भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के सीमा करीब चीन ने रेलवे ट्रैक बिछाया है और अब राज्य की सीमा के पास जो कि चीन से सटी हुई है वहां चीन ने गांव बसा दिया है। इसी चीनी गांव को लेकर ऊपरी सुबनसिरी जिले में अरुणाचल प्रदेश छात्र संघ (AAPSU) ने चीन के विस्तारवादी कदम के विरोध प्रदर्शन किया है।
AAPSU ने केंद्र से चीनी के खिलाफ उचित जवाबी कदम उठाने और इस मुद्दे को हल करने की मांग की है। विरोध प्रदर्शनों में कहा गया था कि चीन ने भारतीय क्षेत्र के अंदर अरुणाचल प्रदेश में एक नया गांव बनाया है जिसमें लगभग 101 घर हैं। AAPSU नेता बागंग ने कहा कि हमारे राज्य पर चीनी दावे ने असंख्य समस्याओं को जन्म दिया है, जो कि मुख्य रूप से स्टैप्ड वीजा इश्यू और सियांग रिवर इम्ब्रोग्लियो है, जो आज भी कई बार उच्चतम स्तर पर इस मुद्दे को लाने के बावजूद अभी तक अनिर्णायक है। बगांग ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।
अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में लोगों ने प्रदर्शन का मंचन किया। तख्तियां पकड़े और चीन विरोधी नारे लगाते हुए, प्रदर्शनकारियों ने एक रैली निकाली और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पुतले जलाए। प्रदर्शनकारियों ने भारत माता की जय ’, वी आर इंडियंस’ और चाइना गो बैक ’जैसे नारे भी लगाए हैं। इस बीच, पासीघाट के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है कि वे उन सड़कों के बारे में अवगत कराएं। इसी के साथ पत्र में कहा कि भविष्य में अरुणाचल प्रदेश और देश को चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
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