/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2021/11/08/2-1636390027.jpg)
पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) के रास्ते चीन को आगे बढऩे से भारतीय सेना (Indian army) ने रोक रखा है, लेकिन विस्तारवादी चीन अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए ‘पीछे’ के रास्ते से भारत में घुसने की कोशिश कर रहा है।
चीन की नजरें भारत के अहम सिलीगुड़ी कॉरिडोर (Siliguri Corridor) पर टिकी हुई हैं, जिसे भारत का ‘चिकन नेक’ (Chicken Neck) भी कहा जाता है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक चीन तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) की चुंबी घाटी में अपनी कनेक्टिविटी को मजबूत कर रहा है और अपने पैर जमा रहा है।
यह इलाका भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर (Siliguri Corridor) के करीब है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर न सिर्फ व्यापारिक और भौगोलिक, बल्कि रणनीतिक रूप से भी भारत का एक अहम क्षेत्र है। रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lt Gen Manoj Pandey) ने हाल ही में सिलीगुड़ी को ‘संवेदनशील’ करार दिया था।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि चीन चुंबी घाटी में एक वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कर रहा है, जो सिलीगुड़ी कॉरिडोर (Siliguri Corridor) के करीब है। चीनी सेना (China army) भूटानी क्षेत्र में सड़कें बनाकर अपनी जड़े मजबूत कर रही है। पिछले साल सामने आई हाई रिजॉल्यूशन सेटेलाइट इमेज में चीन को भूटानी इलाके से होते हुए तोरसा नदी के किनारे सड़कें बनाते हुए दिखाया गया था।
एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि सीमा समाधान को गति देने के लिए भूटान और चीन के बीच तीन-चरणीय रोड मैप पर हालिया समझौता ज्ञापन इस संदर्भ में अहम भूमिका निभा सकता है। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में स्थित गलियारा 60 किमी लंबा और 20 किमी चौड़ा है और उत्तर-पूर्व हिस्से को बाकी भारत से जोड़ता है। यह न केवल एक महत्त्वपूर्ण व्यापार मार्ग है, बल्कि दक्षिण पूर्व एशिया के लिए भी एक महत्त्वपूर्ण ‘प्रवेश द्वार’ है। यह क्षेत्र कई अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा हुआ है, जिसमें बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और चीन शामिल हैं। चिकन नेक कॉरिडोर से तिब्बत की चुंबी घाटी महज 130 किमी दूर है।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |