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अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने चीन पर ताकतवर ब्रह्मपुत्र के नीचे रहने वाले लोगों के अधिकार का अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है। बता दें कि चीन तिब्बत में यारलुंग त्संग्पो (ब्रह्मपुत्र) पर एक बड़े बांध के निर्माण की परियोजना शुरू कर रहा है। जिससे भारत के कई लोगों और पर्यावरण पर कई तरह के प्रभाव पड़ेंगे। चीनी योजनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि चीन एक आक्रामक रुख बनाए रखते हुए अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि चीन ब्रह्मपुत्र से प्रतिवर्ष 200 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी निकालने के लिए भारतीय क्षेत्र से 40 किलोमीटर की दूरी पर एक विशाल बांध बनाने की योजना बना रहा है, और इसका इस्तेमाल चीन के शुष्क उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में बिजली के उत्पादन और पानी की कमी को हल करने के लिए करता है। भारत ने कहा कि चीन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चीनी पक्ष की पनबिजली परियोजनाएं निचले निचले राज्यों के जल अधिकारों पर आक्रमण न करें।
इस बीच, बीजिंग ने मैकमोहन लाइन के करीब यारलुंग ज़ंगबो नदी की निचली पहुंच पर बांध बनाने के अपने अधिकार को जारी रखा है। यारलुंग त्संग्पो (ब्रह्मपुत्र नदी) पर एक 'सुपर' बांध बनाने की चीनी योजनाओं ने पूर्वोत्तर में पानी की कमी और सुरक्षा की आशंका जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार चीन को अपनी चिंताओं से अवगत करा रही है और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। बाहरी राज्यों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचा है।
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