अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सोमवार को कहा कि चीन, म्यांमार और भूटान की सीमा से सटे सभी गांवों को सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ पूरी तरह से विकसित किया जाएगा।  सीएम खांडू राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। 

उन्होंने कहा कि चीन (1,080 किमी), म्यांमार (520 किमी) और भूटान (217 किमी) के साथ अरुणाचल प्रदेश की 1,817 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर महत्वपूर्ण संख्या में गांव हैं।

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उन्होंने कहा, हम राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के अभिसरण से अन्य सभी गांवों का भी विकास करेंगे। खांडू ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार केंद्र के समर्थन और मार्गदर्शन से अरुणाचल प्रदेश के प्रत्येक गांव को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह की हालिया यात्रा का हवाला दिया जो अंजॉ जिले में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय पक्ष में पहला गाँव है।  जहाँ शाह ने केंद्र के महत्वाकांक्षी 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' (वीवीपी) का शुभारंभ किया। 

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मुख्यमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में गांवों के विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के आधार पर निर्धारित स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) को प्राप्त करने के लिए नौ मापदंडों की वकालत की।

उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग द्वारा निर्धारित नौ पैरामीटर पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के लिए अपने संबंधित क्षेत्रों के लिए विकास परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के लिए एक आदर्श रोडमैप प्रदान करते हैं।

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नौ पैरामीटर हैं - स्वच्छ और हरित गांव, पर्याप्त पानी वाला गांव, बच्चों के अनुकूल गांव, स्वस्थ गांव, गरीबी मुक्त गांव, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा वाला गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित और सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण गांव, सुशासन और लैंगिक समानता वाला गांव।

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संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए 17 एसडीजी के अनुसार, जिनमें से 15 अरुणाचल प्रदेश के लिए प्रासंगिक हैं।  राज्य सरकार इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वार्षिक बजट तैयार कर रही है। इसी तरह पीआरआई अब गांवों के संपूर्ण विकास के लिए एलएसडीजी में निर्धारित इन नौ मापदंडों को हासिल करने की योजना बना सकते हैं।