अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डॉ बीडी मिश्रा ने सेला सुरंग परियोजना के चल रहे कार्य का निरीक्षण करते हुए सीमा सड़क संगठन (BRO) की तकनीकी विशेषज्ञता की सराहना की है। आगे कहा कि परियोजना तवांग और आगे के स्थानों के लिए हर मौसम में संपर्क प्रदान करेगी।


तवांग के रास्ते में, राज्यपाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों को पश्चिमी भाग में हर मौसम में सड़क के लिए परेशानी मुक्त पहुंच होगी। मिश्रा ने कहा कि "यह चिकित्सा आपातकाल की स्थिति में एक वरदान होगा और आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के दौरान लोगों को सबसे प्यारा उपहार होगा।" राज्यपाल तवांग की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि 9 फरवरी, 2019 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरंग की आधारशिला रखी थी और इसका निर्माण 1 अप्रैल को शुरू हुआ था, उसी वर्ष सुरंग के लिए 31 अक्टूबर को पहला विस्फोट किया गया था। सेला सुरंग परियोजना की अनुमानित लागत 687 करोड़ रुपये है और यह कुल 12.04 किलोमीटर की दूरी तय करती है और इसमें 1790 मीटर और 475 मीटर की दो सुरंगें शामिल हैं।


बता दें कि यह असम के तेजपुर से तवांग तक यात्रा के समय को एक घंटे से भी कम कर देगा, साथ ही सुरंग का उपयोग करने वाले यात्री बर्फ से ढके सेला दर्रे से बचने में सक्षम होंगे, जिसकी ऊंचाई 4,176 मीटर है। राज्यपाल मिश्रा ने कहा कि प्रदेश की जनता बीआरओ को अच्छी सड़कें उपलब्ध कराकर उनके जीवन को आसान बनाने के लिए हमेशा याद रखेगी। उन्होंने बीआरओ कर्मियों की भलाई के लिए भी चिंता व्यक्त की और कहा कि उन्हें पूरे राज्य का लाभ मिलना चाहिए।