अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मीन ने 2023-24 के लिए 758.26 करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश किया। बजट में आजीविका के अवसर सृजित करने पर विशेष जोर दिया गया है।

राज्य ने 29,657.16 करोड़ रुपये की कुल प्राप्तियों का अनुमान लगाया है जो 2022-'23 के बजट में 26,111.63 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित प्राप्तियों की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है।

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अपने बजट भाषण में मीन ने कहा कि वर्तमान सरकार का दृष्टिकोण आर्थिक विकास को गति देकर लोगों की आकांक्षाओं का समर्थन करना है और उन्हें आजीविका के पर्याप्त अवसर प्रदान करना है, विशेष रूप से युवाओं को।

गौरतलब है कि मीन जिनके पास वित्त, योजना और निवेश पोर्टफोलियो भी हैं।

उन्होंने कहा, 2023-24 के वित्तीय वर्ष के लिए हम राजकोषीय घाटे को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के अनुमानित दो प्रतिशत पर रखने में सक्षम हैं जो कि 758.26 करोड़ रुपये है।

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उन्होंने कहा कि राज्य का जीएसडीपी 2015-16 में 20,373 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना होकर अब 39,000 करोड़ रुपये हो गया है।

मीन ने कहा, अरुणाचल प्रदेश कुल व्यय परिव्यय में पूंजीगत व्यय के 30 प्रतिशत से अधिक हिस्से को बनाए रखने में सक्षम रहा है जो देश में सबसे अधिक है और लगातार पांच साल की अवधि में ऐसा है।

उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में परिवारों की प्रति व्यक्ति आय 88,768 रुपये से बढ़कर 1,15,902 रुपये हो गई है। यह राज्य के लोगों की औसत आय में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है।

मीन ने कहा कि बजट में सड़क संपर्क और लोगों के पलायन को रोकने के लिए बिजली परियोजनाओं के जरिए सीमा क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता दी गई है।

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मीन ने बाद में संवाददाताओं से कहा, "युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करना और स्व-रोज़गार के अवसरों के माध्यम से आजीविका सृजन करना जबकि बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बुनियादी ढांचे में हमारे निवेश को जारी रखना एक समृद्ध और खुशहाल अरुणाचल प्रदेश की नींव होगी।"

उन्होंने कहा, "पिछले छह वर्षों में, राज्य ने बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास देखा है," उन्होंने कहा, "इस साल हम जलमार्ग क्षेत्र में भी निवेश करने की योजना बना रहे हैं।"

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में संस्कृति और परंपरा के संरक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है. उन्होंने असम फ्रंटियर (न्याय प्रशासन) विनियमन (संशोधन) विधेयक भी पेश किया।

यह विधेयक मुख्य ग्राम प्रधान के चुनाव, चयन, नियुक्ति, शक्तियों, कार्यों और बैठकों के लिए सरकार द्वारा दिशा-निर्देश तैयार करने का प्रावधान करता है।