हाइड्रो प्रोजेक्ट को लेकर पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में विरोध चल रहा है लेकिन सरकार फिर भी हाइड्रो प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इसी कड़ी में असम-अरुणाचल सीमा पर धेमाजी जिले के गेरुमुख में 2000 मेगावाट की लोअर सुबनसिरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (LSHEP) के लिए कार्गो, परियोजना स्थल पहुंच गया है। बता दें कि भोर में लालक में संयंत्र के लिए माल की आवाजाही को रोकने वाले प्रदर्शनकारियों के समूहों को हिरासत में लेने के बाद कार्गो को अपने गंतव्य पर ले जाया गया था।


LSHEP लिमिटेड द्वारा नदी बांध परियोजना के लिए विभिन्न उपकरण और मशीनरी ले जाने वाले वाहनों को अवरुद्ध कर दिया गया था। डैम विरोधी प्रदर्शनकारियों के रूप में वाहनों को लखीमपुर जिले के ललुक में गेरुकमुख तक ले जाया गया। प्रदर्शनकारियों ने लखीमपुर जिला इकाई के अध्यक्ष असोम जटियाटाबादी युवा चतरा परिषद (AJYCP), कृषक मुक्ति संग्राम परिषद (KMSS) और वीर लच्छी सेना ने राष्ट्रीय राजमार्ग-15 पर ललुक तिनियाली में जमकर प्रदर्शन किया और पनबिजली परियोजना को बंद करने की मांग की।


हाल में तो प्रदर्शनकारियों की नाकाबंदी से कार्गो को साफ कर दिया गया है क्योंकि पुलिस ने प्रदर्शनकारी AJYCP कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, गिरफ्तार AJYCP कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया है। NHPC के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (CMD) अभय कुमार सिंह ने परियोजना स्थल की अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय ऊर्जा सचिव, संजीव नंदन सहाय से कहा कि लोअर सुबनसिरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा हो जाएगा।